THE BEST SIDE OF पारद शिवलिंग के लाभ

The best Side of पारद शिवलिंग के लाभ

The best Side of पारद शिवलिंग के लाभ

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पुत्रार्थी पुत्रमाप्नोति पयसा चाभिषेचनात।।

प्राचीन ग्रंथों में पारद शिवलिंग को स्वयं सिद्ध धातु माना गया है.

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यह घर के सदस्यों को नकारात्मक विचारों और भावनाओं से बचाता है।

समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न विष को पीकर भगवान शिव ने संसार को इसके विनाश से सुरक्षित रखा था। विष पीने से उनका कंठ नीला हो गया था, इसलिए उन्हें नीलकंठ कहा जाता है। विष की पीड़ा से उत्पन्न दाह को शांत करने के लिए देवताओं और ऋषियों ने शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुरू किया था तब से यह परंपरा आज भी जारी है। शिवलिंग को भगवान शिव का प्रतीक मानकर पूजा जाता है और इसकी पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है।

मंदिर में शिवलिंग रखने के लिए उसके आकार को ध्यान में रखना जरूरी नहीं है जबकि घर पर शिवलिंग को रखने के लिए यह ध्यान रखना बेहद ही आवश्यक यही कि वह शिवलिंग अंगूठे के आकर से बड़ा न हो। इसके पीछे की ख़ास वजह यह है कि शिवलिंग एक अग्नि स्तम्भ माना जाता है और इस कारण यदि बड़े आकार का शिवलिंग घर में रखा जाए तो उसमें समाहित वह ज्वलंत शक्ति विनाशकारी साबित हो सकती है।

करोड़ों शिवलिगों की पूजा से जो फल प्राप्त होता है। उससे भी करोड़ गुणा फल पारद शिवलिंग पूजा से मिलता है। माना जाता है इस शिवलिंग को छुने मात्र से मुक्ति प्राप्त होती है। गौहत्या का पाप भी पारद शिवलिंग के फायदे दूर होता है।

पारदेश्वर पदे साक्षात् पूर्ण सौभाग्यनुते ।।   (महर्षि याज्ञवल्क्य) 

प्राचीन ग्रंथों में पारद शिवलिंग को स्वयं सिद्ध धातु माना गया है। इसका वर्णन चरक संहिता समेत कई ग्रंथों में मिलता है। इस शिवलिंग की पूजा करने से सभी तरह के तंत्र-मंत्र और नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती हैं और जातक के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का कवच बना रहता है। मान्यता है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने वाले की स्वयं महाकाल और महाकाली रक्षा करती हैं।

पुत्रार्थी शर्करायास्तु रसेनार्चेतिछवं तथा।।

प्रदोष च्या वेळी पारद शिवलिंगा वर शिव महिमा स्तोत्र ने अभिषेक करून कोणत्याही आर्थिक स्थिती चे टार्गेट पूर्ण करता येते. किंवा आर्थिक संकटे दूर करता येतात.

इस शिवलिंग से जीवन में सुख आता है और दुःख धीरे-धीरे समाप्त होता है।

भगवान भोले नाथ ने स्वयं माता पार्वती से कहा था-

क्या घर में पारद शिवलिंग रखना सुरक्षित होता है?

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